Dahi Handi Krishna Janmashtmi Festival: A Joyous Celebration of Lord Krishna's Birth-
Song- Aage Dekh Makhan Chor
Music- Vivek Nilesh Sharma
The Dahi Handi Krishna Janmashtmi Festival...
Aigiri Nandini Mahishasura Mardini Strotam By Gitanjali Sahu
“Mahishasura Mardhini” means one who killed the Asura Mahishasura and refers to Goddess Durga. The demon was...
Kaise Karav Tor Bidai-Kantikartik Yadav (Navratri Special Bidai Song Video)
The Chhattisgarhi Durga Mahotsav is the largest surviving Durga Puja in the world. The story...
CG Jas Geet Kantikartik Yadav-360india
https://youtu.be/MwLJ3B5U0Q0
New CG Song
जंवारा विसर्जन में सैकड़ो की संख्या में इस मंदिर से ज्योति कलश को विसर्जन के लिए ले जाया...
Dahi Handi Krishna Janmashtmi Festival: A Joyous Celebration of Lord Krishna's Birth-
Song- Aage Dekh Makhan Chor
Music- Vivek Nilesh Sharma
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“Mahishasura Mardhini” means one who killed the Asura Mahishasura and refers to Goddess Durga. The demon was...
Kaise Karav Tor Bidai-Kantikartik Yadav (Navratri Special Bidai Song Video)
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जंवारा विसर्जन में सैकड़ो की संख्या में इस मंदिर से ज्योति कलश को विसर्जन के लिए ले जाया...
Pandvani Folk Singer -An Interview with Ritu Verma Pandvani
10 जून 1979 को भिलाई की श्रमिक रूआबांधा में जन्मी कु. रितु वर्मा ने अगस्त 1989 में विदेशी मंच पर अपना पहला कार्यक्रम दिया। मात्र दस वर्ष की उम्र में जापान में अपना कार्यक्रम देकर रितु ने वह गौरव हासिल किया जो बिरले कलाकारों को मिलता है। रितु छतीसगढ़ की पहली ऐसी प्रतिभा संपन्न कलाकार है जिसने इतनी छोटी उम्र में ऐसा विलक्षण प्रदर्शन दिया। घुटनों के बल बैठकर और एक हाथ में तंमूरा लेकर रितु ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कार्यक्रम दिया। कार्यक्रम में आये जापानी दर्शक गोरी चिट्टी छुई हुई सी लगने वाली इस पंडवानी विधा की गुडिय़ा के प्रदर्शन पर देर तक तालियां बजाते रहे। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा महोत्सव के लिए जापान प्रवास का यह सुअवसर रितु को लगा। तब से वह लगातार विदेश जा रही है। 1991 में आदिवासी लोक कला परिषद भोपाल ने उसे जर्मनी एवं इंग्लैंड भेजा। तब तक रितु की कला और निखर चुकी थी। वहां उसे खूब वाहवाही मिली।
जीवन संघर्ष की कहानी -पद्मश्री फूलबासन यादव जी (Smt. Phoolbasan Bai Yadav)
“डर मुझे भी लगता था – ग़रीबी से बेरोज़गारी से कुपोषण से नशे से लेकिन फिर मैंने अपनी बहनों को आवाज़ लगायी एक संकल्प समाज की सीरत बदलने के लिए संकल्प कुंठित मानसिकता और रूढ़िवादी परम्पराओं को उखाड़ फेकने का। आज सब कुछ सफल होता दिखता है” I यह कहानी है पद्मश्री फूलबासन बाई यादव की.. फूलबासन बाई बचपन में अपने माँ-बाप के साथ चाय के ठेले में कप धोने का काम करती ग़रीबी इतनी की जब घर में भोजन करने का समय आता तो माता-पिता कहते की आज एक ही समय का भोजन मिलेगा। कई बार तो हफ़्तों खाना नहीं मिलता था ।ग़रीबी के चलते कभी कभी तो महीनों नमक नसीब नहीं होता और एक ही कपड़े में ही महीने निकल जाते। 12 वर्ष की उम्र में फ़ूलबासन भाई की शादी एक चरवाहे से करवा दी गयी मानो कम उम्र में एक बड़ी ज़िम्मेदारी के कुए में इस मासूम बच्ची को धकेल दिया हो। कुछ साल में चार बच्चे हो गए लेकिन घर की आर्थिक स्थिति जस की तस थी अपने बच्चों को दो वक़्त का भोजन देने के लिए फूलबासन बाई दर दर अनाज माँगती लेकिन किसी एक ने नहीं सुनी । हर शाम अपने बच्चों को भूखे पेट देख फूलबासन ख़ून के आँसू रोती लेकिन इन चुनौतियों के सामने कभी समर्पण नहीं किया। Phoolbasan Bai Yadav was born in a socially backward family with meagre financial resources on 5 December 1969 at Sukuldaihan, a remote hamlet in the Rajnandgaon district of the Indian state of Chhattisgarh. She got married in childhood when she was 10 and had education only up to the seventh standard.
An Interview With Padmshri Phoolbasan Bai Yadav
पद्मश्री फूलबासन यादव जी ने अमिताभ बच्चन और KBC से जुड़े अनुभव बताये
प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते है। इन ९ दिनों में पहले तीन दिन तमोगुणी प्रकृति की आराधना करते हैं, दूसरे तीन दिन रजोगुणी और आखरी तीन दिन सतोगुणी प्रकृति की आराधना का महत्व है ।
नवरात्रि माँ के अलग अलग रूपों को निहारने और उत्सव मानाने का त्यौहार है। जैसे कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ में 9 महीने रहता हे, वैसे ही हम अपने आप में परा प्रकृति में रहकर – ध्यान में मग्न होने का इन 9 दिन का महत्व है। वहाँ से फिर बाहर निकलते है तो सृजनात्मकता का प्रस्सपुरण जीवन में आने लगता है।
नवरात्रि का आखिरी दिन – विजयोत्सव
आखिरी दिन फिर विजयोत्सव मनाते हैं क्योंकि हम तीनो गुणों के परे त्रिगुणातीत अवस्था में आ जाते हैं। काम, क्रोध, मद, मत्सर, लोभ आदि जितने भी राक्षशी प्रवृति हैं उसका हनन करके विजय का उत्सव मनाते है। रोजमर्रा की जिंदगी में जो मन फँसा रहता हे उसमें से मन को हटा करके जीवन के जो उद्देश्य व आदर्श हैं उसको निखार ने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। एक तरह से समझ लीजिये की हम अपनी बैटरी को रिचार्ज कर लेते है।
Kanyakumari is a coastal town in the state of Tamil Nadu on India’s southern tip. Jutting into the Laccadive Sea the town was known as Cape Comorin during British rule and is popular for watching sunrise and sunset over the ocean. It’s also a noted pilgrimage site thanks to its Bagavathi Amman Temple dedicated to a consort of Shiva and its Our Lady of Ransom Church a center of Indian Catholicism.
कन्याकुमारी भारत के दक्षिणी सिरे पर तमिलनाडु राज्य का एक तटीय शहर है। लेकसाइडिव सी में जूटिंग के दौरान इस शहर को ब्रिटिश शासन के दौरान केप कोमोरिन के नाम से जाना जाता था और यह समुद्र के ऊपर सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए लोकप्रिय है। यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जो शिव के एक संघ और हमारी लेडी ऑफ रैनसम चर्च को भारतीय कैथोलिक धर्म के केंद्र के लिए समर्पित अपने बागवती अम्मन मंदिर के लिए है।
सारनाथ भारत के उत्तर प्रदेश में गंगा और वरुणा नदियों के संगम के पास वाराणसी शहर से 10 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित एक जगह है। सारनाथ में हिरण पार्क वह जगह है जहाँ गौतम बुद्ध ने सबसे पहले धर्म की शिक्षा दी थी और जहाँ बौद्ध संघ कोंडाना के उद्बोधन के माध्यम से अस्तित्व में आया था। जब गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था तो उन्हें शायद ही ये अंदाजा रहा होगा कि आने वाले समय में सारनाथ की बौद्ध धर्म में इतनी महत्ता होगी | चलिए हमारे साथ सारनाथ यात्रा पर जहाँ आज आध्यात्मिक ज्ञान और शान्ति के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं |
Sarnath is a place located 10 km northeast of the city of Varanasi near the confluence of the Ganges and Varuna rivers in Uttar Pradesh, India. Deer Park in Sarnath is the place where Gautama Buddha first taught religion and where the Buddhist Sangha came into existence through the eloquence of Kondana. When Gautam Buddha gave his first sermon at Sarnath, he would hardly have imagined that Sarnath would have so much importance in Buddhism in the coming times.
Nidhivan Mysteries – There are many places in India which have many secrets in their fold. Nidhivan is a very sacred mystical religious place in the religious city of Vrindavan. It is believed that Lord Shri Krishna and Shriradha in Nidhivan still create ras after midnight. After Raas sleeps in the Rang Mahal set up in the Nidhivan complex.
निधिवन रहस्य – भारत में कई ऐसी जगह है जो अपने दामन में कई रहस्यों को समेटे हुए है। धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। वृंदावन का एक मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है
निधिवन परिसर में ही संगीत सम्राट एवं धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि, रंग महल, बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल, राधारानी बंशी चोर आदि दर्शनीय स्थान है। निधिवन दर्शन के दौरान वृन्दावन के पंडे-पुजारी, गाईड द्वारा निधिवन के बारे में जो जानकारी दी जाती है, उसके अनुसार निधिवन में प्रतिदिन रात्रि में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा, पागल और उन्मादी हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के बारे में किसी को बता ना सके।
शयन के लिए पलंग लगाया जाता है। सुबह बिस्तरों के देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद भी ग्रहण किया है। लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत हाते हैं।
धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी अर्द्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में आज भी प्रसाद (माखन मिश्री) प्रतिदिन रखा जाता है।
Mathura Vrindavan Tour Video Vlog (मथुरा- वृन्दावन यात्रा)
achyutam keshavam krishna damodaram Krishna Janmashtami is an annual Hindu festival that celebrates the birth of Krishna the eighth avatar of Vishnu. It is observed according to the Hindu lunisolar calendar on the eighth day of the Krishna Paksha in Shraavana or Bhadrapad which overlaps with August or September of the Gregorian calendar. Hathi Ghoda Palki jai kanhaiya lal ki- Flute Cover By O.P. Dewangan
Vrindavan is a holy town in Uttar Pradesh, northern India. The Hindu deity Krishna is said to have spent his childhood here. It’s home to temples, many dedicated to Krishna and his lover, the deity Radha. At Banke Bihari Temple, the curtain in front of Krishna’s statue is opened and closed every few minutes. At Radha Raman Temple, a gold plate beside Krishna signifies Radha.
About This Video- वृंदावन परिक्रमा को पंचकोसी परिक्रमा भी कहा जाता है। वृंदावन धाम की परिक्रमा भक्तों के लिए वृंदावन परिक्रमा है। वृन्दावन जो श्री कृष्णा की बाल लीलाओ से भरा है। श्री राधा कृष्ण की दिव्य प्रेम लीला स्थली से परिपूर्ण है। जहाँ गोप गोपियों और ग्वाल वाल के साथ श्री कृष्णा ने बचपन में क्रीड़ा किया और अनन्य प्रसिद्द मंदिरो का संगम है। अगर कोई वृन्दावन के किसी भी प्रसिद्द स्थली परिक्रमा शुरू करे और इन सभी वृन्दावन की श्री कृष्णा की लीला और पारौणिक स्थान के चारो तरफ के मार्ग पे चलकर वापस उसी स्थान पे आ जाता है। तो उसे वृन्दावन परिक्रमा कहते है। वृंदावन परिक्रमा में आमतौर पर दो से तीन घंटे लगते हैं। परिक्रमा पथ 10 किमी (6 मील) है। रास्ते में कुछ स्थान हैं: यमुना जी के तट पर मदन टेर. कालिया घाट. मदन मोहना मंदिर. इमली ताला. श्रृंगारा वट और केशी घाट यमुना महारानी आदि. फिर शेष घाट से धीरा समीरा टटिया स्थान आदि।
जतमई घटारानी, रायपुर, छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर जतमई पहाड़ी पर माता जतमई मंदिर स्थित है, जिसे ‘जतमई घटारानी मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। माता जतमई को समर्पित इस अद्भुत मन्दिर की बहुत अधिक मान्यता है। अत्यंत आश्चर्यजनक बात यह कि जतमई पहाड़ी 200 मीटर क्षेत्र में फैली हुई है और 70 मीटर ऊँची है, और इसी पहाड़ी पर जतमई घटारानी का मंदिर ऊँचे जलप्रपात के किनारों पर स्थित है। यहाँ शिखर पर विशालकाय पत्थर एक-दूसरे के ऊपर इस प्रकार सटे हुए हैं, जैसे किसी शिल्पकार के द्वारा जमाये गये हों। घटारानी प्रपात तक पहुँचना आसान नहीं है, अतः पर्यटकों के लिए वहाँ तक पहुँचने के पर्याप्त साधन जुटाए गए हैं। मन्दिर अत्यंत सावधानी और ख़ूबसूरती से जलप्रपात के समीप प्रकृति की गोद में, पटेवा के समीप ग्रेनाइट के बहुत-से छोटे शिखरों और एक बहुत ही विशाल शिखर में खुदा हुआ है।
Jatmai Ghatarani, Raipur, Chhattisgarh The Mata Jatmai Temple is located on the Jatmai hill, about 80 km from Raipur, the capital of Chhattisgarh, also known as the Jatmai Ghatarani Temple. There is a lot of recognition of this wonderful temple dedicated to Mata Jatmai. The most amazing thing is that the Jatmai hill is spread over an area of 200 m and is 70 m high, and on this hill the temple of Jatmai Ghatarani is situated on the banks of high waterfall. Here the giant stones on the summit are adjoining on top of each other in such a way as to be set by a craftsman. It is not easy to reach Ghatarani Falls, so adequate means have been gathered for tourists to reach there. The temple is inscribed in the lap of nature near the waterfall with utmost care and beauty, near the Patewa, in many small peaks of granite and a very huge peak.
चित्रकोट जलप्रपात – भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में इंद्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर झरना है। इस झरने की ऊंचाई 90 फीट है। इस झरने की खासियत यह है कि बारिश के दिनों में यह पानी लाल रंग का होता है गर्मियों की चांदनी रात में यह बिल्कुल सफेद दिखता है। जलप्रपात जगदलपुर से 40 किमी और रायपुर से 273 किमी की दूरी पर स्थित है। चित्रकोट जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सर्वाधिक जल से भरा जलप्रपात है। इसे बस्तर संभाग का मुख्य झरना माना जाता है। जगदलपुर से सटे होने के कारण, इसे एक प्रमुख पिकनिक स्थल के रूप में प्रसिद्धि भी मिली है। घोड़े के पैरों के समान आकार के कारण इस फॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। चित्रकूट जलप्रपात बहुत सुंदर है और पर्यटक इसे बहुत पसंद करते हैं। मजबूत पेड़ों और विंध्य पर्वतमाला के बीच में गिरने वाला एक बड़ा जल निकाय जो इस जल प्रपात से गिरता है पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। प्रसिद्ध चित्रकोट “भारत का नियाग्रा” हर मौसम में दिखाई देता है लेकिन बारिश के मौसम में इसे देखना एक अधिक रोमांचक अनुभव है। बारिश की ऊंचाई से विशाल पानी का गर्जन रोमांच और कंपकंपी पैदा करता है। बारिश के मौसम में इन झरनों की सुंदरता बहुत अधिक होती है। जुलाई-अक्टूबर की अवधि के दौरान आगंतुकों के लिए यहां आना उचित है। घने जंगल सुरम्य झरनों को घेर लेते हैं। जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाता है। इस स्थान को नदी में पूर्ण रोशनी के साथ प्रबुद्ध किया गया है। झरने से गिरते पानी की खूबसूरती को पर्यटक रोशनी के साथ देख सकते हैं। इस जलप्रपात से विभिन्न अवसरों पर कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएँ गिरती हैं।
The waterfall is located 40 km from Jagdalpur and 273 km from Raipur. Chitrakote Falls is the largest and most waterlogged waterfall of Chhattisgarh. It is considered to be the main waterfall of Bastar division. Being adjacent to Jagdalpur, it has also gained prominence as a major picnic spot. Due to the shape of the horse’s feet, this fall is also called Niagara of India. A large water body falling in the midst of strong trees and Vindhya mountain garlands which falls from this waterfall attracts the attention of tourists.
प्रसिद्ध चित्रकोट “भारत का नियाग्रा” हर मौसम में दिखाई देता है लेकिन बारिश के मौसम में इसे देखना एक अधिक रोमांचक अनुभव है। बारिश की ऊंचाई से विशाल पानी का गर्जन रोमांच और कंपकंपी पैदा करता है। बारिश के मौसम में इन झरनों की सुंदरता बहुत अधिक होती है। जुलाई-अक्टूबर की अवधि के दौरान आगंतुकों के लिए यहां आना उचित है। घने जंगल सुरम्य झरनों को घेर लेते हैं। जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाता है। इस स्थान को नदी में पूर्ण रोशनी के साथ प्रबुद्ध किया गया है। झरने से गिरते पानी की खूबसूरती को पर्यटक रोशनी के साथ देख सकते हैं। इस जलप्रपात से विभिन्न अवसरों पर कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएँ गिरती हैं।
There is a beautiful waterfall situated on the river Indravati in Bastar district of Chhattisgarh state of India. The height of this waterfall is 90 feet. The specialty of this waterfall is that the water is red in the rainy days, it looks absolutely white on the moonlight night of summer.
Mainpat is a hill station and small village in the Surguja district in the northern part of the state of Chhattisgarh India. It lies about 55 kilometres (34 mi) by road from Ambikapur. The hill station features the Tiger Point Waterfall Fish Point Waterfall Ghaghi waterfall zalzali(bouncing land) parpatiya view point , Anmol Hotel and Resort, Shaila resort and restaurant, buddha temples and stupas tibetan settlements tibetan restaurant and homestays . This hill station is 50 km south of divisional headquarter of Ambikapur 160 km northeast of Korba, and 360 km northeast of state capital Raipur. This hill station is famous for the Ulta Pani or Bisar Paani which seems to defy the gravity and flows upward.