Pandvani Folk Singer -An Interview with Ritu Verma Pandvani
10 जून 1979 को भिलाई की श्रमिक रूआबांधा में जन्मी कु. रितु वर्मा ने अगस्त 1989 में विदेशी मंच पर अपना पहला कार्यक्रम दिया। मात्र दस वर्ष की उम्र में जापान में अपना कार्यक्रम देकर रितु ने वह गौरव हासिल किया जो बिरले कलाकारों को मिलता है। रितु छतीसगढ़ की पहली ऐसी प्रतिभा संपन्न कलाकार है जिसने इतनी छोटी उम्र में ऐसा विलक्षण प्रदर्शन दिया। घुटनों के बल बैठकर और एक हाथ में तंमूरा लेकर रितु ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कार्यक्रम दिया। कार्यक्रम में आये जापानी दर्शक गोरी चिट्टी छुई हुई सी लगने वाली इस पंडवानी विधा की गुडिय़ा के प्रदर्शन पर देर तक तालियां बजाते रहे। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा महोत्सव के लिए जापान प्रवास का यह सुअवसर रितु को लगा। तब से वह लगातार विदेश जा रही है। 1991 में आदिवासी लोक कला परिषद भोपाल ने उसे जर्मनी एवं इंग्लैंड भेजा। तब तक रितु की कला और निखर चुकी थी। वहां उसे खूब वाहवाही मिली।
An Interview with Ritu Verma