Padmashri Shamshad Begum ji (Biography)
The foundation of the Women’s Commandos Brigade was laid in 2006 by Shamshad Begum, an Indian activist and later Padma Shri recipient (2012). Begum, who has done extensive work for the education of backward communities in Chhattisgarh, was the catalyst in bringing together around 100 women who committed violence at their homes at the hands of drunken men. Some of them are also victims of human trafficking who, after being rescued, took it upon themselves to fight for basic human rights for members of their society. Padmshri Shamshad Begum Ji.
महिला कमांडोज ब्रिगेड की नींव 2006 में शमशाद बेगम, एक भारतीय कार्यकर्ता और बाद में पद्म श्री प्राप्तकर्ता (2012) ने रखी थी। बेगम, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में पिछड़े समुदायों की शिक्षा के लिए व्यापक काम किया है, लगभग 100 महिलाओं को एक साथ लाने में उत्प्रेरक थीं जिन्होंने अपने घरों में शराबी पुरुषों के हाथों हिंसा की। उनमें से कुछ मानव तस्करी के शिकार भी हैं, जिन्हें बचाया जाने के बाद, अपने समाज के सदस्यों के लिए बुनियादी मानवाधिकारों के लिए लड़ने के लिए खुद पर ले लिया।
ये महिलाएं एक सरल सोच से प्रेरित हैं – अपने बच्चों को उन अत्याचारों से बचाने के लिए जिन्हें उन्हें भुगतना पड़ा। हालांकि बेगम ने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कितने गाँवों को शराब मुक्त किया गया था, उन्होंने वादा किया कि अभियान अगले कुछ वर्षों में उत्कृष्ट परिणाम दिखाएगा। इन महिलाओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन जो हिंसक, गरीब परिवारों से आते हैं, उन्हें उनकी कड़ी मेहनत के लिए भुगतान करना होगा ताकि वे अपने घरों की ओर योगदान कर सकें, वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें और बेहतर जीवन स्तर की ओर बढ़ सकें। अक्सर, घरेलू शोषण का सामना करने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ी चुनौती वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना है, जिसका मतलब है कि उनके पास अक्सर कमी होती है। एक नियमित वेतन तक पहुंच होने से वास्तव में उन्हें सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।महिला कमांडो ’अभियान छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा राज्य में कानून और व्यवस्था बहाल करने के साथ-साथ भागीदारी के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के एक बड़े अभियान का हिस्सा है। यह विशेष रूप से विभिन्न गांवों से संबंधित विभिन्न महिलाओं पर निर्भर करता है जो एक साथ आते हैं और इन मुद्दों से लड़ते हैं जो उन्हें प्लेग करते हैं। साथ ही, ये महिलाएँ ज्यादातर गृहिणी होती हैं, जो पूरे दिन घर पर काम करती हैं, और बाद में गश्त और अन्य नौकरियों के लिए अपनी-अपनी टीमों में शामिल हो जाती हैं। और यह कल्याणकारी कार्य हर एक महिला को एक बड़े समुदाय और एक सहायता प्रणाली प्रदान करता है, साथ ही साथ एक अंतर बनाने की संतुष्टि भी प्रदान करता है।
वर्ष 2012 में भारत सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, पिछड़े वर्ग की उन्नति और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया था। बेगम कहती हैं कि महिला कमांडो में शामिल महिलाओं ने शराब की बुराईयों के कारण बहुत कुछ झेला है। अब वह चाहती हैं कि आने वाली पीढ़ी इस बुराई से दूर रहे। यही कारण है कि ये महिलाएं शराब बंदी का प्रयास कर रही हैं। इसके लिए वह सभी कठिनाइयां झेल रही हैं। उन्होंने बताया कि महिला कमांडो बालोद जिले के गुंडरदेही, गुरुर और बलोद विकासखंड के लगभग तीन सौ गांवों में तथा पड़ोसी जिले दुर्ग के पाटन क्षेत्र के लगभग 150 गांवों में सक्रिय है। यह कार्य ‘सहयोगी जन कल्याण समिति’ के माध्यम से किया जा रहा है। शमशाद बेगम ने बताया कि रोज शाम लगभग 40 महिलाओं का समूह लाठी और टार्च लेकर शराब माफियाओं के खिलाफ गश्त में निकलता है। इस दौरान महिलाएं शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करती हैं और शराब पीने वालों को इसकी बुराईयों से अवगत कराती हैं। हालांकि, कई बार उन्हें गांव के सरपंच और पुलिस का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘कई बार पहरा देने के दौरान महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है। महिलाएं कानून अपने हाथ में नहीं लेतीं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस की सहायता ली जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘जिले में इन महिलाओं को एसपीओ बनाने का फैसला किया गया है जिससे यह सरकार के साथ मिलकर और भी बेहतर काम कर सकें। इस परियोजना के तहत पहले एक सौ महिला कमांडो को एसपीओ बनाया गया है। इसके लिए बलोद और गुंडरदेही ब्लाक के एक एक गांव से 10-10 महिलाओं का चयन किया गया है।’ कम्युनिटी पुलिस फंड के माध्यम से एसपीओ महिलाओं को गस्त के लिए लाठी, वर्दी के रुप में लाल साड़ी, लाल टोपी, सीटी और टार्च दी गई है। आने वाले तीन महिने के दौरान एसपीओ के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा और बाद में इनकी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में जिले में 10 हजार महिला कमांडो को एसपीओ के रुप में चयन करने के लिए राज्य शासन को 40 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। हुसैन ने कहा महिला कमांडो के कारण जिले में कुछ हद तक शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लगा है साथ ही अन्य अपराधों में भी कमी आई है।